Singhara Benefits
सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान – Singhara Benefits And Side Effects In Hindi
सिंगाड़ा पानी से प्राप्त होने वाली एक औषधीय वनस्पति है। यह एक ऐसा फल है जो बहुत सारे बीमारियों को ठीक तो करता हि है । साथ ही यह उपवास करने वाले लोगों के लिए एक वरदान है। इसके आटे का उपयोग उपवास करने वाले लोग खाने के लिए करते है। हम खाने के लिए तीन प्रकार के अन, सब्जी और फल का उपयोग करते है। एक जो पानी के अंदर पैदा होता है। दूसरा जो मिट्टी के अंदर पैदा होता है। तीसरा जो पेड़ पौधों से प्राप्त होता है जैसे - बहुत सारे फल, सब्जी। इन सभी का हमारे स्वास्थ्य पर अलग अलग प्रभाव पड़ता है। कुछ हमारे लिए फायदेमंद होता है तो कुछ हमारे लिए नुकसानदायक।
किसी भी चीज का सेवन सिर्फ इसलिए नहीं करना चाहिए की वो किसी दूसरे के लिए फायदेमंद है तो मेरे लिए भी फायदेमंद होगा। नहीं, प्रत्येक चीज अलग अलग व्यक्ति पर अलग अलग प्रभाव डालता है। तो चलिए देखते है की सिंगाड़ा हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव डाल सकता है। सिंगाड़ा मे कौन - कौन से गुण है और कौन से औगुण । ये कितना फायदेमंद है तो कितना नुकसानदायक।
सिंघाड़ा खाने के फायदे - Singhara ( Water Chestnuts ) Benefits In Hindi
क्या है सिंघाड़े के फायदे – Benefits of Water Chestnut in Hindi
सिंघाड़े मे सर्वाधिक मात्रा क्षारीय जल की होती है। इसके अतिरिक्त इसमे वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस तथा अन्य महत्वपूर्ण लवण समुचित मात्रा मे विधमान रहते है। सिंघाड़े मे खनिज तथा क्षार की मात्रा गाय -भैस के दूध के तुलना मे बाईस प्रतिशत अधिक होती है।
सिंघाड़ा कई औषधीय गुणों से सम्पन्न है। इसमें पाए जाने वाले गुण और पोषक तत्व सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं। वहीं, सिंघाड़ा खाने से कई बीमारियों को खुद से दूर रखा जा सकता है। साथ ही यह आम बीमारियों के विभिन्न लक्षणों को कम करने व उनसे उबरने में मदद कर सकता है।
Singhara Benefits |
सिंघाड़ा खाने के निम्नलिखित फायदे है -
1- शरीर मे सूजन होने पर सिंघाड़े का नित्य सेवन करते रहना चाहिये । इससे सूजन धीरे - धीरे दूर होजाती है।
2 - यह शरीर में पानी की कमी को दूर करता है। अगर आप कम मात्रा में पानी पिते हैं, तो डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, ऐसे में आप इस फल का सेवन कर पानी की कमी को दूर कर सकते हैं।
3 - सिंघाड़ा खाने से शरीर मे मांस की वृद्धि होती है। इसलिए दुबले - पतले तथा शक्तिहीन व्यक्तियों को सिंघाड़े का सेवन अवश्य करना चाहिये।
4 - सिंघाड़ा में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। अगर आप इसका सेवन नियमित रूप से करते हैं, तो यह हड्डियां और दांतों को मजबूत करने में सहायक है।
5 - दाद - खाज तथा खुजली होने पर सिंघाड़े को नीबू के रस मे रगड़कर उस स्थान पर लगाने पर कुछ देर जलन होती है , परंतु शीघ्र ही आराम हो जाता है।
6 - सिंघाड़े का सेवन बालों की समस्या के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद लॉरिक एसिड बालों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
7 - अस्थमा के मरीजों के लिए सिंघाड़ा बहुत फायदेमंद होता है. सिंघाड़े को नियमित रूप से खाने से सांस संबधी समस्याओं से भी आराम मिलता है।
8 - गले की खराश, पीड़ा तथा टांसिल आदि में सिंघाड़े के काढ़े से गरारा तथा कुल्ला करने से लाभ होता है।
9 - सिंघाड़े का सेवन रक्त संबंधी समस्याओं को भी ठीक करता है. साथ ही मूत्र संबंधी रोगों के उपचार के लिए सिंघाड़े का प्रयोग बहुत फायदेमंद है.
10 - सिंघाड़ा खाने से फटी एड़ियां भी ठीक हो जाती हैं. इसके अलावा शरीर में किसी भी स्थान पर दर्द या सूजन होने पर इसका लेप बनाकर लगाने से बहुत फायदा होता है।
11 - सिंघाड़ा शरीर को ऊर्जा देता है, इसलिए इसे व्रत के खाने में शामिल किया जाता है. इसमें आयोडीन भी पाया जाता है, जो गले संबंधी रोगों से रक्षा करता है।
12 - प्रेग्नेंसी में सिंघाड़ा खाने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं. इससे गर्भपात का खतरा भी कम होता है. इसके अलावा सिंघाड़ा खाने से पीरियड्स की समस्या ठीक हो जाती है।
13 - इसमें कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसे खाने से हड्डियां और दांत दोनों ही मजबूत रहते हैं. साथ ही यह आंखों के लिए भी फायदेमंद है।
14 - सिंघाड़े का सेवन करते रहने से गुदामार्ग से होने वाला रक्तस्राव बंद हो जाता है।
15 - सिंघाड़ा शरीर को ऊर्जा देता है, इसलिए इसे व्रत के खाने में शामिल किया जाता है. इसमें आयोडीन भी पाया जाता है, जो गले संबंधी रोगों से रक्षा करता है और और थाइरॉइड ग्रंथि को सुचारू रूप से काम करने के लिए प्रेरित करता है.