Success Story of Ritesh Agarwal in hindi | सिर्फ 27 साल के रितेश अग्रवाल ने कैसे खड़ी कर दी हजारों करोड़ की कंपनी

Ragini Sinha
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Success Story of Ritesh Agarwal in hindi


Success Story of Ritesh Agarwal in hindi - रितेश अग्रवाल जो कभी सड़कों पर सिम कार्ड बेचते थे वे महज 27 साल उम्र मे खड़ी कर दी हजारों करोड़ की OYO Company और बन गए दुनिया के दूसरे सबसे युवा सेल्फ मेड बिलेनियर । आज उनकी सैलरी  5.6 करोड़ रुपये है। 


Success Story of Ritesh Agarwal in hindi


 रितेश अग्रवाल के लिए OYO Company की शुरुवात करना आसान नहीं था । जब वो साल 2012 मे अपने गाँव ओडिशा से दिल्ली आए थे तब उनके पॉकेट में मात्र 30 रुपये थे।  दिल्ली की सर्द रातों में मस्जिद मोठ रोड के पास चुपचाप बैठे वो गली को निहार रहे थे। पेट और जेब दोनों खाली थी, हिम्मत टूट रही थी। पर सपने भी टूट जाये ये उन्हे मंजूर नहीं था। अपने सपनों को एक मुकाम देने के लिए रितेश अग्रवाल ने दिल्ली के सड़कों पर घूम-घूम कर सिम कार्ड बेचने लगे। आज वो दुनिया के सबसे यंग बिलेनियर की लिस्ट में शामिल होकर। दुनिया को ये बता दिए की जब हम किसी चीज को दिल से चाहते है तब पूरी कायनात आपको उससे मिलाने मे मदद करने लगती है।  रितेश अग्रवाल का कारोबार  80 देशों के 800 शहरों में फैला हुआ हैं।


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रितेश अग्रवाल का प्रारम्भिक जीवन परिचय | Ritesh Agarwal Biography In Hindi


रितेश अग्रवाल का जन्म  16 नवम्बर 1993 में उड़ीसा राज्य में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ। उनके पिता इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन के साथ काम करते है  और उनकी माँ एक house wife है I उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। फिर भी इनके माता - पिता ने इनकी पढ़ाई मे कोई कमी नहीं की।  रितेश अग्रवाल के प्रारंभिक शिक्षा उड़ीसा के Sacred Heart School से प्राप्त किया जो उड़ीसा के रायगढ़ में स्थित है । इसके बाद उन्होंने अपना 12वीं कक्षा पास किया और इंजीनियर की पढ़ाई करने के लिए कोटा आ गए । लेकिन उनका मन पढ़ाई लिखाई में नहीं लगता था यही वजह है कि वह छुट्टी के दिनों में entrepreneur ईवेंट और सेमिनार में जाया करते थे जिसके कारण उनका सिलेक्शन इंजीनियरिंग में नहीं हुआ । इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और 18 साल की उम्र में अपना पहला स्टार्टअप बिजनेस Oravel stays शुरू किया । 


Success Story of Ritesh Agarwal in hindi
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OYO Company की शुरुआत ​कैसे हुई?


 OYO Company  की शुरुआत करना काफी मुश्किल काम था। रितेश अग्रवाल ने सबसे पहले 2012 मे Oravel Stay नामक Company की शुरूआत की परंतु इस Company मे लोगों की सुख सुविधा का ध्यान नहीं रखा जा रहा था जिसके वजह से इस Company मे रूम कम दाम पर उपलब्ध होने के बावजूद भी ये Company ज्यादा दिनों तक सफलता की शिखर पर नहीं रह पाई। एक समय ऐसा आया कि रितेश अग्रवाल को अपनी ये कंपनी बंद करनी पड़ी ।


 उसके बाद  2013 मे दोबारा से उन्होंने अपनी कंपनी को एक नए नाम OYO Rooms के नाम से शुरू किया। लेकिन कंपनी को संचालित करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। ऐसी स्थिति में उन्होंने under 20 Thiel Followership लिए चुना गया।  इसके अंतर्गत उन्हें 1 लाख डॉलर की राशि प्राप्त हुई और उन्होंने इस पैसे का निवेश अपनी कंपनी OYO Rooms मे किया I इसके बाद उन्हें कई विदेशी कंपनियों के द्वारा उन्हें फंडिंग प्राप्त हुई जिससे उन्हें अपने कंपनी को विस्तारित करने में मदद मिली I2015 के जुलाई महीने में SoftBank कंपनी ने OYO Rooms को $100 millions की राशि आर्थिक मदद के तौर प्रदान किए जिससे उनकी कंपनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी  hospital chain कंपनी बन पाई I


 इस Company मे रितेश अग्रवाल ने लोगों की सुख सुविधा का विशेष ध्यान रखा। लोगों को किसी भी प्रकार की शिकायत की मौका उन्होंने नहीं दिया। साथ ही इस बात पर विशेष ध्यान रखा की Company लोगों को कम दम मे होटल उपलब्ध कराये।  जिसके कारण उनके इस कंपनी को अधिक लोगों के द्वारा पसंद किया गया और धीरे-धीरे उनके कंपनी का विस्तार दुनिया के कई देशों में हो गया । 


 OYO Rooms आज के समय भारत, नेपाल, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, चीन, फिलीपीन, वियतनाम, ब्राजील, मेक्सिको ,संयुक्त राज्य अमेरिका यूअई  इत्यादि देशों में कंपनी का बिजनेस operate किया जा रहा है I रितेश अग्रवाल ने अमेरिका में बिजनेस को और भी ज्यादा विस्तारित करने के लिए वहां पर जितने भी होटल के मालिक हैं I उनके साथ एक समझौता हस्ताक्षर किया है इसके अंतर्गत अमेरिका में जितने भी होटल हैं उन सभी पर OYO कंपनी की logo लगाया जाएगा I


 2013 में शुरू हुई ये कंपनी तेजी के साथ ग्रो करने लगी और सितंबर 2018 में कंपनी ने 1 $ बिलियन डॉलर जुटाए और जुलाई 2019 में यह बताया गया कि अग्रवाल ने अपनी हिस्सेदारी को तीन गुना करते हुए 2 बिलियन डॉलर के शेयर खरीदे हैं I  जिसके कारण कंपनी का मुनाफा और भी ज्यादा हो गया I  आज के समय उनके कंपनी में कुल मिलाकर 17000 लोग काम करते हैं तथा उनके कंपनी का कुल टर्नओवर ₹8000 करोड़ है ।  


भारत में इस कंपनी के 4000 से अधिक होटल 160 शहरों में संचालित किए जा रहे हैं I अगर आपके पास कोई होटल है तो आप इस कंपनी के साथ जुड़कर अपने बिजनेस को और भी ज्यादा मुनाफेदार बना सकते हैं I इसके लिए आपको कंपनी की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा I इसके बाद कंपनी की टीम आपके आवेदन पत्र का वेरिफिकेशन करेगी और अगर आप कंपनी के पार्टनर बनने के योग्य है तो जरूरी प्रक्रिया को पूरी कर आपको कंपनी का Partner बना दिया जाएगा I


​रितेश अग्रवाल का नेटवर्थ


रितेश अग्रवाल की मेहनत ने ओयो रूम्स को सफलता की उस शिखर पर पहुचा दिया जहा से वो कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज  वो भारत के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हैं। मात्र 24 साल की उम्र में रितेश दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल होकर दुनिया को ये बता दिए की सफलता कभी भी उम्र की मुहताज नहीं होती। साल 2020 में रितेश अग्रवाल को हुरुच रिच की लिस्ट में शामिल किया गया। रितेश की कुल संपत्ति 1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। रितेश जल्द ही अपनी कंपनी का आईपीओ लाने वाले है। ओयो होटल्स के आईपीओ को 2023 की शुरुआत में लाने की तैयारी की जा रही है। कंपनी ने सेबी (SEBI) के पास नए फाइनेंशियल पेपर जमा करवा दिए हैं।


निष्कर्ष 

रितेश अग्रवाल महज 24 साल की उम्र मे अपनी कंपनी को बिना किसी के सहायता के अपनी खुद की मेहनत के बल पर सफलता की जिस उचाई पर पहुँचाई है वो आसान काम नहीं है। मात्र 24 साल की उम्र में रितेश दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हो गए। उनकी ये सफलता हमे ये प्रेरणा देती है की किसी भी उम्र मे सफलता हासिल किया जा सकता है।     

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